Mukhyamantri Corona Sahayata Yojana Rajasthan
@Techmewadi
कोरोना महामारी से जो तबाही हुई है उसमे कई सारे घर उजड़ गए कई सारे बच्चे अनाथ हो गए , कितनी ही महिलाये विधवा हो गयी दोस्तों इस प्रकार की संख्या लाखो में है ऐसे मे इन सभी का सहारा बनकर कुछ सहायता सरकार भी कर रही है मुख्यमंत्री कोरोना अनाथ / विधवा सहायता योजना चलाकर !
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योजना का उद्देश्य क्या है ?
कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चो, विधवा महिलाओ एवं उनके बच्चो को राज्य सरकार द्वारा आर्थिक, सामाजिक एवं शेक्षणिक संबल प्रदान करना है| तथा यह योजना संपूर्ण राजस्थान में लागु होगी |
इस योजना का फायदा कोन ले सकता है
अनाथ बालक बालिका से तात्पर्य ऐसे बालक बालिका से है जिनके जेविक या दत्तक माता पिता कि म्रत्यु कोरोना के कारण हुई हो| या माता / पिता में से किसी एक कि म्रत्यु पूर्व में हो चुकी हो तथा बाद में दुसरे कि मृत्यु कोरोना के कारण हुई हो |
विधवा महिला तात्पर्य ऐसी महिला से है जिसके पति की मृत्यु कोरोना से हुई हो |
अनाथ बालक/बालिका हेतु पालनकर्ता या सरंक्षक से तात्पर्य जिला कलेक्टर द्वारा ऐसे बालक/बालिका कि देखरेख और पालन पोषण करने वाले से है|
कोविड -19 के कारण मृत्यु का तात्पर्य 1 मार्च 2020 के पश्चात कोरोना बिमारी से हुई मृत्यु से है| जिसे जिला कलेक्टर द्वारा प्रमाणित किया गया हो|
कौन पात्र है:-
- योजनान्तर्गत जिला कलक्टर द्वारा प्रमाणन के आधार कोरोना बीमारी से मृत्यु होने पर अनाथ बालक या बालिका तथा विधवा महिला व उनके बच्चे अनुदान / आर्थिक / अन्य सहायता के पात्र होंगे |
- अनाथ बालक या बालिका / विधवा महिला व उसके बच्चे योजनान्तर्गत वर्णित अनुदान / आर्थिक सहायता के अतिरिक्त भारत सरकार व राज्य सरकार कि अन्य योजनाओ के तहत लाभ के पात्र हो सकेंगे |
- कोरोना के कारण विधवा महिला कोरोना विधवा पेंशन के अलावा सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत पात्र नहीं होंगी |
अनाथ बालक/बालिका तथा विधवा महिलाऐं राजस्थान राज्य के मूल निवासी हो अथवा कम से कम तिन वर्ष से राजस्थान में निवासरत हो |
अनाथ बालक/बालिका व विधवा महिला के परिवार द्वारा कोरोना योद्धा योजना का लाभ प्राप्त करने कि स्थिति में पात्र नहीं होंगे |
अनाथ बालक बालिका विधवा के बच्चो के मृतक माता/पिता व विधवा के पति राजकीय सेवा या राजकीय उपक्रम के स्थाई कार्मिक होने कि स्थिति में वे राज्य योजना के लाभ के पत्र नही होंगे |
अनाथ बालक/बालिका व विधवा महिलाओ के बच्चो के लिए आंगनवाडी केंद्र/विद्यालय में जाना आवश्यक होगा |
विधवा महिला कि कोरोना विधवा पेंशन निम्न परिस्थितियों में निरस्त कि जावेगी-
- विधवा महिला स्वयं कि राजकीय सेवा में नियुक्ति होने पर|
- विधवा महिला द्वारा पुनर्विवाह किये जाने पर|
कोरोना के कारण विधवा महिला के लिए अधिकतम आय तथा आयु सीमा निर्धारित नहीं है|
उक्त सभी पात्रताएं जिला कलक्टर द्वारा प्राधिकृत अधिकारी के प्रमाणन करने पर ही मान्य होगी|
आर्थिक सहायता
योजनान्तर्गत पात्रता रखने वाले अनाथ बालक/बालिका तथा विधवा महिला एवं उनके बच्चो हेतु निम्नानुसार निर्धारित अनूदन/आर्थिक सहायता प्रदान कि जाएगी-
मुख्यमंत्री कोरोना बाल सहायता(अनाथ बालक/बालिका हेतु)
आर्थिक सहायता
- प्रत्येक बालक/बालिका कि तत्काल आवश्यकता हेतु राशि रुपये 100000/-(एक लाख रुपये) का एकमुश्त अनुदान दिया जाएगा|
- प्रत्येक बालक/बालिका के 18 वर्ष कि आयु पूर्ण करने तक राशि रुपये 2500/-(दो हज़ार पांच सौ रुपये) प्रतिमाह प्रति बालक/बालिका प्रदान किये जायेंगे |
- प्रत्येक बालक/बालिका के 18 वर्ष कि आयु पूर्ण करने पर राशि रुपये 500000/-(पांच लाख रुपये) कि एकमुश्त सहायता दी जावेगी|
उपरोक्त राशि अनाथ बालक/बालिका के बैंक खाते में हस्तांतरित कि जाएगी|
शेक्षणिक/अन्य सहयता
- कक्षा 12 तक नि:शुल्क शिक्षा राजकीय आवासीय विद्यालय/छात्रावास के माद्यम से दी जाएगी|
- कॉलेज में अध्ययन करने वाली छात्राओं को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में प्राथमिकता से प्रवेश दिया जाएगा|
- कॉलेज में अध्ययन अम्बेडकर करने वाले छात्रों के लिए आवासीय सुविधाओ हेतु डीबीटी वाउचर योजना का लाभ दिया जाएगा| इनकी पात्रता हेतु कोई अन्य शर्ते यथा जाति, आय इत्यादि लागु नही होगी|
- मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के अंतर्गत बेरोजगारी भत्ता दिए जाने में प्राथमिकता से लाभ दिया जाएगा|
मुख्यमंत्री कोरोना विधवा सहायता(विधवा महिला हेतु)
⦁ विधवा महिला को राशि रुपये 100000/-(एक लाख रुपये) एकमुश्त अनुदान दिया जाएगा|
⦁ विधवा महिला को उसकी पेंशन हेतु पात्रता धारित करने की अवधि में आजीवन राशि रुपये 1500/-(एक हज़ार पांच सौ रुपये) प्रति माह पेंशन प्रदान कि जाएगी|
मुख्यमंत्री कोरोना पालनहार सहायता(विधवा महिला के बालक/बालिका हेतु)
⦁ विधवा महिला के बालक/बालिका के 18 वर्ष कि आयु पूर्ण करने तक राशि रुपये 1000/-(एक हज़ार रुपये) प्रतिमाह प्रति बालक/बालिका दिया जाएगा |
⦁ विधवा महिला के बालक/बालिका के 18 वर्ष कि आयु पूर्ण करने तक विद्यालय पौशाक, पाठ्य पुस्तके आदि हेतु राशि रुपये 2000/-(दो हजार रुपये) प्रति बालक/बालिका एकमुश्त वार्षिक अनुदान दिया जाएगा |
चयन प्रक्रिया/अनुदान स्वीकृति:
⦁ जिला कलेक्टर द्वारा जिले में कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चो,विधवा महिलाओ एवं उनके बच्चो का चिन्न्हीकरण करवाया जाएगा |
⦁ जिला कलक्टर द्वारा जारी की गई स्वीकृति के आधार पर संबधित सक्षम अधिकारी द्वारा अनुदान/आर्थिक सहायता का भुगतान डीबीटी के माध्यम से लाभार्थी के खाते में किया जाएगा |
⦁ ऐसे चिन्हित पत्र लाभार्थियों को जिला कलक्टर द्वारा प्रमाणन कर 7 दिवस में भुगतान स्वीकृति आदेश जारी किये जायेंगे |
⦁ अनाथ बालक/बालिका के प्रकरण में राशि का भुगतान पालनहार एवं बच्चो के सयुंक्त बैंक खाते में किया जाएगा |
⦁ विधवा महिला व उनके बच्चों के प्रकरण में राशि का भुगतान विधवा महिला के बैंक खाते में किया जाएगा |
⦁ योजनान्तर्गत लाभान्वित अनाथ बच्चो, विधवा महिलाओ एवं उनके बच्चो के वार्षिक स्तर पर जीवित होने सबंधी सत्यापन के आधार पर नियमित रूप से भुगतान किया जाएगा |
⦁ योजनान्तर्गत एकमुश्त तत्काल सहायता, पेंशन/सहायता राशि का भुगतान मुख्यमंत्री सहायता कोष में इस हेतु उपलब्ध राशि में से किया जाएगा |
⦁ ऐसे बालक/ बालिका जो बाल गृहों में आवसरत है या होंगे उनकी स्वीकृत राशि को बालक या बालिका का बैंक खाता खुलवाकर एकमुश्त राशि का ही भुगतान किया जाएगा |
योजना की मोनिटरिंग एवं बजट आवंटन
योजना के क्रियान्वयन, मॉनिटरिंग एवं बजट आवंटन कि कार्यवाही आयुक्त/निदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की अनुमति से प्रभारी अधिकारी द्वारा कि जाएगी |
विविध
⦁ प्रत्येक माह के प्रथम सप्ताह में भुगतान कि कार्यवाही कि जाएगी |
⦁ योजना का भुगतान बैंक खाते के माध्यम से किया जाएगा |
निष्कर्ष
दोस्तों इस योजना का फायदा गरीब Covid अनाथ बच्चे व विधवा महिला के लिए जो राजस्थान में लाखो की संख्या में ही हम सब मिलकर इस जानकारी को सभी तक पहुंचाए !!
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धन्यवाद
टेक मेवाड़ी