Which is the Right Time to Install a Solar Panel for Home
साथियों सबसे ज्यादा बिजली कटोती होती है तो वह है ग्रामीण इलाके में यदि 3 से 4 दिन बिजली कटोती हो जाये तो सबसे बड़ा असर पडता है पशुओ के पानी पिलाने में ऐसे में अगर हम भी थोड़ी सी नई टेक्नोलॉजी के साथ चले तो इस समस्या से बचा जा सकता है वह सौर उर्जा !!
लेकिन एक सबका एक ही सवाल रहता है की सोलर पेनल किस समय लगवाये तो अच्छा रहता है क्या सर्दी के मौसम में लगवाये या गर्मी मे आइये कुछ बिन्दुओ की सहायता से समझते है इसे –
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सोलर पैनल को किसी भी मौसम में लगा सकते है ?
सोलर पैनल को Non Seasonal Product (गैर मौसमी उत्पाद) की केटेगरी में लिया जाता है | हमारे घरो में AC / कूलर / हीटर / गीज़र यह सब Seasonal Product (मौसमी उत्पाद) में आते है | जिनका उपयोग मौसम के अनुसार जैसे गर्मी में AC कूलर व सर्दी में हीटर , गीज़र लेकिन सोलर का उपयोग सभी मोसम यानि सर्दी-गर्मी बरसात में किया जा सकता है | यानि यह गैर मौसमी उत्पाद है जिसे किसी भी मौसम मै लगवाया जाता है !!
यहाँ पर आप गर्मी में AC , कूलर, पंखे चलाने में सोलर का उपयोग ले सकते है वही पर गर्मी में गीजर तो बरसात में तेज आंधियो से बिजली की कटोती से छुटकारा !!
भारत में जलवायु के परिवर्तन के अनुसार सोलर लगवाना
भारत पूरा चार क्षेत्रो में बटा हुआ है उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम इनमे से उत्तरी भाग पहाड़ी इलाका है| जिसमे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड आदि जहाँ बहुँत ज्यादा ठंडा मोसम रहता है वही पर आप इधर दक्षिणी भाग चेन्नई,तमिलनाडु आदि में गर्म और आर्द्र जलवायु रहती है !
आप 10 बजे बाद स्टील के बर्तन का पानी भी नहीं पी सकते है | इतनी वहाँ पर गर्मी होती है| जहाँ तक अपने यहाँ राजस्थान में बारिश आई तो उत्तरी भाग में बर्फ आने लगता है वही पश्चिम में यदि सर्दी तो उत्तरी भागो में में बर्फ जम जाएगा यहाँ बर्फीले पहाड़ी इलाके में AC, कूलर, पंखा नहीं चाहिए लेकिन बल्ब, टीवी, लैपटॉप चार्जिंग, मोबाइल चार्जिंग आदि के लिए तो बिजली चाहिए ही यानि की सोलर का जलवायु से कोई लेना – देना नही है आप कभी भी किसी भी रीजन में लगाव सकते है लेकिन हां आपको कही पर ज्यदा तो कही कम पॉवर जनरेशन मिलेगी ऐसा कह सकते है की सोलर 365 दिन में से 300 दिन कम करता है !!
बारिश में सोलर का बिजली उत्पादन कैसा रहता है
जिन इलाको में बारिश ज्यादा होती है, उन इलाको में भी सोलर बिजली उत्पादन करता है, यदि आपने अच्छी क्वालिटी का सोलर पैनल लगवाया है | कई लोगो को लगता है कि सोलर बारिश में काम नही करता है | लेकिन हम देखते हैं कि जिन इलाको में ज्यादा बारिश होती है वहाँ भी महीने के ज्यादा से ज्यादा चार से छ: दिन धुप नही निकलती है बाकि कहीं न कहीं धुप आ ही जाती है | तथा एक बेहतर क्वालिटी का मोनोक्रिस्टलाइन (Monocrystalline) वाला सोलर बारिश में धुप नही आने पर भी 20% से 25% तक बिजली उत्पादन करता है | क्योंकि बारिश में हम ज्यादा से ज्यादा बल्ब और पंखा व टी.वी. ही यूज़ में लेते है जो सोलर पर आसानी से चल जाते है | इसलिए लोग बेझिझक बारिश में भी सोलर पैनल लगवा सकते है |
जितनी सौर उर्जा उतनी दैनिक जीवन में खपत
अगर हमारे घर का बिल नॉर्मली 1000 रुपये आता है तो गर्मी में यह 1500 से 2000 रु. तक आ जाता है | क्योंकी गर्मी में हम कूलर AC , पंखे आदि यूज़ करते है | जिससे बिजली का बिल 40% से 50% तक बढ़ जाता है | वही हम अगर सर्दी कि बात करे तो सर्दी में भी यही हाल होता है, बिजली बिल ज्यादा आता है | क्योंकी सर्दी में हम गीज़र , हीटर, रूम हीटर, आदि यूज़ करते है, जिससे बिजली बिल नॉर्मली ज्यादा आता है |
इसी प्रकार हम यदि सोलर को देखे तो गर्मी में यह 70% तक बिजली उत्पादित करता है| अगर हम बारिश कि बात करे तो हमें सोलर 10 से 25% तक बिजली उत्पादित करके देता है | तथा बारिश में एक आम आदमी कि आवश्यकता सिर्फ एक बल्ब तथा पंखे कि होतीं है जो सोलर पूरी करता है| क्योंकी बारिश में भी बैटरी या इन्वर्टर बराबर चार्ज होता ही है | यह कह सकते है की हर समय सौर उर्जा आपकी विद्युत आवश्यकता को पूरा कर सकता है !!
दैनिक जीवन में सोलर की जरुरत किसको
अब हम बात करते है कि वास्तव में सोलर कि जरुरत किसे होती है, गाँव वालो को होती है या शहर वालो को होती है | यदि हम बात करे शहरों कि तो वहाँ सामान्यतया 24 घंटे बिजली रहती है लेकिन बिजली बिल से परेशान रहते है | लेकिन गाँव में बिजली कि कटौती होती रहती है जिससे परेशान यह कह सकते है की वर्तमान समय में सोलर की जरुरत सभी को है
सोलर की आधुनिक तकनिकी व A ग्रेड अपनाये
कई जगहों पर हम देखते है, कि सोलर कुछ महीनो बाद बिजली उत्पादित करना बंद कर देते है | ऐसा इसलिए होता है क्योंकि दुकानदार हमें पुरानी तकनिकी व C ग्रेड का सोलर थोड़े कम दामो में दे देते है | जो कि कुछ समय बाद काम करना बंद कर देता है | क्योंकी लोगो को आधुनिक तकनिकी के बारे में पता ही नहीं होता है| इसलिए हमारी आपसे सलाह है कि आप सोलर आधुनिक तकनिकी व A ग्रेड का ख़रीदे |
अगर हम इन्वर्टर चार्ज कंट्रोलर कि बात करें तो आप MPPT चार्ज कंट्रोलर सहित लीजिये | इसका मतलब Maximum Power Point Tracking होता है |
वही पर अगर बैटरी की बात करे तो आपको सामान्य बैटरी नही लेकर सोलर बैटरी खरीदनी चाहिए
यदि हम सोलर stand कि बात करें तो हम कई बार देखते है कि आंधी तूफान में सोलर उड़ जाते है| ऐसा पुरानी तकनिकी के कमजोर स्टेंड लगाने के कारण होता है| हमारा सुझाव है कि आप सोलर स्टेंड GI (Galvanized Iron) वाला लीजिये | यह हल्का तथा कम वज़न वाला होता है तथा मजबूत होता है|
जो आंधी तूफान बाढ़ में सोलर को उड़ने से बचाता है|
इसे आसान भाषा में समझने के लिए विडियो देखे
निष्कर्ष –
इस आर्टिकल को पड़ने के बाद यह भ्रम तो आपका दूर हो गया होगा की आप सोलर कभी किसी भी समय किसी भी मोसम में लगवा सकते है और बिजली उत्पादित कर सकते है
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धनयवाद
लेखक – गमेर सिंह राणावत
सहायक – जीवन चौबीसा हिता
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