जाने क्या है हाइड्रोपोनिक खेती?
कृषि क्षेत्र में आए दिन नए आविष्कार हो रहे हैं। इसके साथ ही कई नई तकनीकों का भी प्रयोग किया जा रहा है। इन ही तकनीकों में हाइड्रोपोनिक खेती भी शामिल है। आज से कुछ दशक पहले मिट्टी के बगैर खेती करने की कोई सोच भी नहीं सकता था। लेकिन यह संभव हुआ हाइड्रोपोनिक तकनीक के माध्यम से। यदि आप इस तकनीक से परिचित नहीं है तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। यहां से आप हाइड्रोपोनिक खेती की कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।
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कैसे की जाती है हाइड्रोपोनिक खेती ?
इस तकनीक में पारालाइट और कोकोपिट को मिलाकर एक छोटे से डिब्बे में रखा जाता है. एक बार डिब्बा में कोकोपिट और पारालाइट का मिश्रण भरने के बाद इसे चार से पांच सालं तक इस्तेमाल किया जा सकता है. इस डिब्बे में पहले बीज की बुवाई की जाती है. फिर जब इसमें पौधे निकल जाते हैं तब इन डिब्बों को पाइप के उपर बने छेद में रख दिया जाता है, इसमें डिब्बे के नीचे छेद किया जाता है पाइप में न्यूट्रीशन व पोषणयुक्त पानी बहता है जो पोधो को पोषण देता रहता है पोधे को ओक्सिजन प्राक्रतिक रूप से ही डी जाती है
अब बात करते हैं इस तकनीक के बारे में. इसके लिए एक आसान-सा उदाहरण हैं. आपने कभी अपने घर या कमरे में पानी से भरे ग्लास में या किसी बोतल में किसी पौधे की टहनी रख दी हो तो देखा होगा कि कुछ दिनों के बाद उसमें जड़ें निकल आती हैं और धीरे-धीरे वह पौधा बढ़ने लगता है. इसमें आप 100 वर्ग फुट में लगभग 200 पौधों को उगाया जा सकता है।
करीब 15 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान और 80 से 85 प्रतिशत आर्द्रता में हाइड्रोपोनिक खेती की जाती है।
Hydroponic farming हाइड्रोपोनिक खेती में किन फसलों की खेती की जा सकती है।
इस तकनीक के माध्यम से छोटे पौधों वाली फसलों की खेती की जा सकती है। जिसमें गाजर, शलजम, ककड़ी, मूली, आलू, शिमला मिर्च, मटर, मिर्च, स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी, तरबूज, खरबूजा, अनानास, अजवाइन, तुलसी, सभी तरह के फूलदार पोधे आदि शामिल हैं।
हाइड्रोपोनिक खेती में कितनी लागत होती है?
- हाइड्रोपोनिक प्रणाली को स्थापित करने के लिए शुरुआत में अधिक लागत होती है। इस विधि से कम जगह में अधिक पौधे उगाए जा सकते हैं। इसलिए कुछ समय बाद इस विधि से किसान अधिक लाभ कमा सकते हैं।
- यदि आप छोटे स्तर पर इसकी शुरुआत करना चाहते हैं तो आप 100 वर्ग फुट क्षेत्र में भी इसे स्थापित कर सकते हैं। इसमें 50,000 से 60,000 रुपए तक खर्च हो सकता है। 100 वर्ग फुट में लगभग 200 पौधों को उगाया जा सकता है।
- यदि प्रति एकड़ क्षेत्र में हाइड्रोपोनिक तकनीक स्थापित करने की बात करें तो इसमें करीब 50 लाख रुपए का खर्चा होता है।
- इसके अलावा आप अपने घर या छत पर भी इसकी शुरुआत कर सकते हैं।
क्या है हाइड्रोपोनिक खेती के फायदे?
- परंपरागत खेती की तुलना में इस विधि से खेती करने पर कम जगह में अधिक पौधे उगाए जा सकते हैं।
- इस तकनीक से खेती करने पर पानी की बचत होती है। यदि सही तरीके से हाइड्रोपोनिक खेती की जाए तो करीब 90 प्रतिशत तक पानी की बचत की जा सकती है।
- पोषक तत्व बर्बाद नहीं होते। इस्तेमाल किए जाने वाले पोषक तत्व पौधों को आसानी से मिल जाते हैं।
- अच्छी गुणवत्ता की फसल प्राप्त की जा सकती है।
- इस तकनीक में मौसम, जंगली जानवरों या किसी अन्य प्रकार के बाहरी, जैविक एवं अजैविक कारणों से पौधे प्रभावित नहीं होते।
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