जी हां दोस्तों आज के इस डिजिटल एवं वैज्ञानिक युग में आटा चक्की का उतना ही महत्व होता है जितना कि हमारे जीवन में ” इंटरनेट का” क्योंकि दोस्तों आजकल के लोग बहुत ही आजाद, या अपन यूं कहें की की कोई भी व्यक्ति घर से बाहर अनाज पिसाई के लिए नहीं जाना चाहता क्योंकि उनके पास वक्त नहीं होता, इसलिए वे इसलिए वे या तो यूट्यूब , गूगल या फिर आसपास की दुकानों पर आटा चक्की की तलाश करते हैं। अपने घर पर ही अनाज पिसाई हो ऐसा सोचते हैं या विचार करते हैं।
आइए दोस्तों जानते हैं की बाजार में कितने प्रकार की आटा चक्की मिलती है
पत्थर वाली हाथ आटा चक्की
पत्थर वाली आटा चक्की
स्टोनलेस या बिना पत्थर वाली आटा चक्की
पत्थर वाली हाथ आटा चक्की
सबसे पोराणिक ज़माने की चक्की जो की हाथो से पत्थर की घडई कर के गोल आकर में एक के उपर एक रखकर चक्की बनाई जाती थी जिस पैर चलने के लिए लकड़ी का हथा लगा दिया जाता था इसे गृहणिया सुबह जल्दी उठकर अनाज पिसते और हर रोज का ताजा ताजा आते से रोटिया बनती थी जिसमे पोस्तिक भरपूर बना रहता था
पत्थर वाली आटा चक्की
पत्थर वाली आटा चक्की में अनाज दो पत्थर के बिच में पिसाया जाता है यह बाजार में में 1 हॉर्स पॉवर से लगाकर 20 हॉर्स पॉवर तक मिलती है। यह चक्की अधिकतर कमर्शियल यूज में ली जाती है जहा पर आपको बहुत भारी मात्रा में पिसाई करनी है और रेगुलर चक्की को चलानी है तब आपके लिए पत्थर वाली आटा चक्की सही रहेगी यह चक्की हाई एम्पियर पर चलने वाली इलेक्ट्रिक मोटर से चलाई जाती है यह कम एम्पियर में कम पिसाई करती है कभी कभी चलती भी नहीं !! इस चक्की में हर प्रकार के अनाज एवं दालें भी निकाली जाती है। इसमें कम समय में अधिक अनाज पिसा जा सकता है यह सिंगल फेज एवं थ्री फेज में मिलती है। इस चक्की के पत्थर की कोई वारंटी / गारंटी नही आती है हा यहाँ पर मोटर की १ साल कि वारंटी आती है
पत्थर वाली चक्की के लाभ एवं हानी –
हर वास्तु के दो पहलु रहते है जहा पर लाभ हे वहा हानी भी है :-
इस चक्की के लाभ तो यह हे की इसे कमर्शियल में लगातार चल सकते है
कम समय में अधिक पिसाई कर सकते है
अगर दूसरी और हानि की बता करे तो आये दिन पाट की टंचाई करवाना
अनाज पिसाई के साथ कंकर का आना जो शरीर में भोजन के साथ पथरी की बीमारी फेलता है
कम एम्पियर पर नही चलती है
पूरी खुली रहती है इसलिए आटा का बाहर उड़ना
१ से 2 प्रतिशत आटा जल जाता है
इसमें बिजली की खपत ज्यादा होती है
स्टोनलेस या बिना पत्थर वाली आटा चक्की
भारत के इन्सान के दिमाग में जो आता है वह कर दिखाता है सोचा पत्थर वाली चक्की के काफी नुकसान है तो ले आये बिना पत्थर वाली आटा चक्की और बन गयी आधुनिक यूग की चमत्कारिक देन पत्थर वाली चक्की आप हर व्यक्ति नही सकता है लेकिन बिना पथर वाली चक्की ने इतने पैर पसारे की घर घर में जाकर बेठ गयी और बन गयी हर गृहणी की पहली पसंद !! यह चक्की बजार में डोमेस्टिक (घरेलु ) व कमर्शियल (व्यापर ) के लिए उपलब्ध है 1 हॉर्स पॉवर से 3 हॉर्स पॉवर तक घरेलु में और 4 हॉर्स पॉवर से लेकर 20 हॉर्स पॉवर तक आपको कमर्शियल (व्यापार ) के लिए मिल जाएगा !! आइये देखते है कुछ फायदे व् नुकसान :
फायदे व नुकसानयदे
बार बार पत्थर टंचाई कि झंझट दूर क्योकि इसमें होता है स्टेनलेस स्टील का चेंबर जिसकी सहायता से पिसाई की जाती है !!
यहाँ पर आपको चेंबर व् कट्टर की 5 से 10 साल तक की वारंटी मिलती है और मोटर की 1 से 5 साल तक की वारंटी मिलती है !!
यह चक्की पॉवर सेवर कम बिजली यानि की 1 hp में .75 यूनिट की खपत होती है !!
यह आपको कम बजट में मिल जाती है यानि की 10,000 रु से शुरू हो जाती है जिसे आसानी से मध्यम परिवार भी खरीद सकता है !!
यह पूरी तरह से बोक्स में बंद आती है जिससे आटा बाहर उड़कर नही आता है यानि की इसे आपकी रसोई घर या किसी भी कमरे में रखा जा सकता है !!
इसे कोई भी चला सकता है यानि की आपकी घरवाली भी चला सकती है
खास बात यह है की यह अब तो फुल्ली ओटोमेटिक चलने वाली भी आगई है जिसमे सिर्फ अनाज डालना पड़ता है पूरी तरह अपने आप ही चलकर पिसाई हो जाती है और जेसे पिसाई पूरी हो जाती है यह 2 मिनट तक और चलती है जो की चेंबर व कट्टर को अची तरह से सफाई कर देती है !!
आज के यूग में आपको एसी मशीन मिल जाएगी जो आपको अलग अलग भाषा में बोलकर आपको बताएगी पूरी तरह अनाज पिसाई हो गयी है यानि की आप अनाज हुपर में डालकर रसोई में कम कर रही है तो आपको चक्की बताएगी की अनाज पूरा पिस गया है और इतना ही यह 2 मिनिट चलने के नाद स्वत बन्द हो जाएगी !!
हे न कमाल की तकनिकी जिसमे कम खर्च,कम समय में काम हो जाता है
यह मशीन बड़े बड़े आटा मिल में कम सफल है
इसमें कई प्रकार के अलग अलग मॉडल उपलब्ध है
सनमाइका मॉडल
डोगला मॉडल
मोडूलर मोंडल
वेक्यूम क्लीनर
टू इन वन मॉडल
सनमाइका मॉडल
सनमाइका मॉडल की विशेषता यह होती है की आटा चक्की के चारों तरफ सनमाइका लगी रहती है और वह भी अलग-अलग डिजाइन में उपलब्ध हो जाती है इस चक्की के हूपर का ढक्कन आगे तक लम्भा होता है जो आकर को बहुत ही आकर्षक बनाता है !!
डोगला मॉडल
डोगला मॉडल में चक्की के चारों ओर सनमाइका तो होती ही है किंतु इसका दरवाजा ऊपर के ढक्कन तक लंबा होता है और यह दिखने में बहुत ही सुंदर दिखाई देता है। इसकी एक विशेषता यह भी होती है की इसमें रॉकी टोकी भी बना सकते हैं जोकि हिंदी मराठी एवं गुजराती में बोलकर आपको बताएगी पूरी तरह अनाज पिसाई हो गयी है यानि की आप अनाज हुपर में डालकर रसोई में काम कर रही है तो आपको चक्की बताएगी की अनाज पूरा पिस गया है
मोडूलर मोंडल
यह चारो और से मोडुलर दिखाई देने वाली सब के मन को भांति है बहुत ही आकर्षक दिखाई देती है इसमें भी आपको रॉकी टोकी भी मिल जाएगी जोकि हिंदी मराठी एवं गुजराती में बोलकर आपको बताएगी पूरी तरह अनाज पिसाई हो गयी है यानि की आप अनाज हुपर में डालकर रसोई में काम कर रही है तो आपको चक्की बताएगी की अनाज पूरा पिस गया है !!
वेक्यूम क्लीनर
एक एसी चक्की जो बाजार में धूम मचाकर खडी है पिसाई के साथ साथ पूरी तरह से खुद ही सफाई कर लेती है वैक्यूम क्लीनर मॉडल में एक ऐसी यूनिक फीचर दी गई है जिससे इस मॉडल को विश्व प्रसिद्धि मिल गई है। क्योंकि इस मॉडल में अनाज पिसाई होने के बाद चेंबर की सफाई के लिए इसमें वैक्यूम क्लीनर लगाया गया है जिससे चेंबर की सफाई अच्छे से की जा सके और इसके चारों तरफ बिखरे हुए आटे को एकत्रित कर उसे काम में ले सके।
टू इन वन मॉडल
टू इन वन अर्थात एक ऐसी चक्की जिसमें अनाज के साथ-साथ मसाले भी किए जा सके यानि की इसके साथ में 2 हूपर जोड़ा जा सकता है उसे टू इन वन आटा चक्की या घर घंटी कहते हैं ऐसी घर घंटी को एक ग्रहणी की पहली पसंद माना गया है। यह मॉडल 1hp 2hp बॉक्स वाली चक्की में भी अवेलेबल है। टू इन वन 1hp और 2hp में अवेलेबल कराने का हमारा यह कारण था की एक अच्छा दिखने वाला मॉडल है जो पूरा बंद बॉडी में हो अच्छा दिखे और हर प्रकार का कार्य एक ही चक्की से किया जा सके इसलिए हमने इस मॉडल को तैयार किया है ।
देखिये केसी होती है 2 इन १ आटा चक्की
इस ब्लॉग में आपने आटा चक्की की सपूर्ण जानकारी ली है जिसमे विभिन्न तरह के मॉडल के बारे में जाना है मुझे पूरी तरह विश्वास हे की आपके लिए यह पोस्ट काफी फायदेमंद रही होगी ज्यादा से ज्यादा शेयर करे और कोई आपके सुझाव कमेन्ट करे धयवाद !!
नोट :- यह ब्लॉग किसी भी आटा चक्की का विज्ञापन नही करता है सिर्फ जानकारी के लिए है
लेखक : – गमेर सिंह राणावत
सहयोगी : – राजेंद्र चौबीसा ( हरिओम मशीनरी भिंडर राजस्थान )
[…] […]
[…] […]