फर्स्ट फ्लाइंग कार : यहाँ पढ़े पूरी जानकारी
आज हम दुनिया की पहली फ्लाइंग कार के बारे में बात करने वाले है | फ्लाइंग कार का नाम सुनते ही लोग रोमांचित हो उठते है | क्योकि लोग आज के दौर में लोगो के पास टाइम ही नहीं है | अगर लोग कहीं ट्रैफिक में भी फसे होते है तो वे सोचते है कि काश यहाँ से मैं उड़कर निकल पाता | लेकिन अब आपका यह सपना सच हो सकता है, क्योंकि दुनिया में ऐसी फ्लाइंग कार का परीक्षण कर लिया गया है | तो आज हम इस आर्टिकल में फ्लाइंग कार के बारे में पूरी जानकारी जानने वाले है कि यह कार कहाँ पर बनी है, तथा इसकी टेक्नोलॉजी क्या है ? आदि |
फ्लाइंग कार का ओवरव्यू
क्या आपको पता है कि पहली फ्लाइंग कार 2021 में नहीं बल्कि आज से लगभग 85 साल पहले ही बना ली गई थी | तथा इसके बाद भी अलग अलग समय पर कई फ्लाइंग कार बनाई गई लेकिन वे सभी टेस्ट ड्राइव में दुर्घटना ग्रस्त हुई या उनमे कुछ कमियां थी |
लेकीन जून 2021 में दुनिया की पहली फ्लाइंग कार का सफल परीक्षण कर लिया गया है | शायद इसीलिए इस कार को दुनिया की पहली फ्लाइंग कार का दर्जा दिया गया है |
यह कार यूरोप के देश स्लोवाकिया में तैयार की गई है | तथा इसे एयरकार नामक कम्पनी द्वारा बनाया गया है | इस कार को स्लोवाकिया के दो शहरों नित्रा तथा ब्रातिस्लावा के एअरपोर्ट के बीच में उड़ाया गया तथा इस कार का सफल परीक्षण कर लिया गया है |
इस टेस्ट ड्राइव में इस कार को 75 किलोमीटर की दुरी तय करने में मात्र 35 मिनट का समय लगा |
यदि इस कार के ओवरव्यू की बात करे तो इस कार की साइज़ नार्मल कार से थोड़ी ही बड़ी है | इस कार का वज़न लगभग 13,00 किलो है | तथा इस कार में एक प्रोपेलर तथा एक पैराशूट लगाया गया है जो इस कार को उड़ने में मदद करता है |
किस टेक्नोलॉजी पर आधारित है यह कार ?
इस कार को स्लोवाकिया के डिजायनर स्टीफन क्लेन ने डिजाईन किया है | तथा इस कार को उड़ने में पॉवर फुल इंजन की जरुरत पड़ती है | इसलिए इस कार में BMW कम्पनी का 160 HP का पॉवर फुल इंजन इस्तेमाल किया गया है | इस कार में AI तकनीक या आर्टिफिसियल इन्टेलिजेंस का भरपूर प्रयोग किया गया है | इसी AI तकनीक के इसमें प्रोपेलर तथा एक पेराशूट भी लगाया गया है जो इस कार की उडान को आसान बना देते है |
कितनी है इस कार की स्पीड
इस कार को स्लोवाकिया में टेस्ट ड्राइव के लिए जब उड़ाया गया तो इस कार ने स्लोवाकिया के दो शहरों के बीच की 75 किलोमीटर की दुरी को मात्र 35 में मिनट में पूरा कर लिया था | लेकिन इस कार को बनाने वाली कम्पनी का दावा है की इस कार की स्पीड 190 किलोमीटर प्रति घंटा से भी अधिक होगी | तथा कम्पनी ने इस कार का एक और प्रोटोटॉप तैयार किया है जिसकी स्पीड 300 किलोमीटर प्रति घंटा से भी अधिक होगी |
यदि हम एक बुलेट ट्रेन की स्पीड की बात करे तो यह औसतन 300 किमी प्रति घंटा होती है तथा एक हवाई जहाज की गति 900 किमी प्रति घंटा होती है |
यह फ्लाइंग कार जमीन से 8000 फिट की ऊंचाई तक उड़ सकती है | तथा एक बार टैंक फुल करवाने पर यह कार 1000 किलोमीटर की दुरी तय कर सकती है | इस तरह यह कार रफ़्तार तथा ऊंचाई में बुलेट ट्रेन तथा हवाई जहाज को अच्छी टक्कर दे सकती है |
यह कार दूसरी कार की तरह ही नार्मल पेट्रोल पर ही चलती है |
फ्लाइंग कार के कुछ पोजिटिव तथा नेगेटिव पॉइंट
अगर यह कार बाज़ार में आती है तो यह कार ट्रैफिक में की समस्या से लोगो को निजात दिला सकती है | लेकिन यह कार बाज़ार में कब तक आएगी इसकी आधिकारिक घोषणा कम्पनी ने नहीं की है |
इस कार को उड़ान भरने के लिए रनवे की आवश्यकता होती है तथा लेंडिंग के लिए भी रनवे की आवश्यकता होती है | जिसके लिए लोगो को इस कार को चलने के लिए अलग से ट्रेनिग की आवश्यकता होगी | तथा इस कारण दुर्घटनाएं होने की संभावनाएं काफी बढ़ जाएगी |
वही इस कार में अगर वर्टीकल टेक ऑफ तथा वर्टीकल लेंडिंग की तकनीक का इस्तेमाल किया जाता तो इस समस्या से निजात मिल सकती है | वर्टीकल टेक ऑफ यानि कार जहाँ पर खड़ी हो वहीँ से एकाएक उपर उठ जाए तथा उड़ान भरने लगे |
यह कार बिजनेसमेन तथा कारोबारियों के लिए काफी मददगार साबित होगी |
फ्लाइंग कार की कीमत
इस कार की अधिकारिक कीमत तो कम्पनी द्वारा नहीं बताई है लेकिन इस कार की शुरुआती कीमत लगभग 3.99 लाख डॉलर यानि 2.92 करोड़ रुपये हो सकती है |
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