आपने हमारे पिछले कई आर्टिकल में बाईफेसियल सोलर के बारे में पढ़ा है | आज हम आपको बाईफेसियल सोलर पैनल के बारे में पूरी जानकारी देने वाले है | साथ में ही आप यह भी जानेंगे कि 1 किलोवाट सोलर पैनल पर आप अपने घर का पूरा लोड कैसे चला सकते है | साथ ही आपको प्रति वाट के हिसाब से कितने पैसे देने पड़ते है इसकी भी सम्पूर्ण जानकारी आपको मिलने वाली है |
Table of Contents
बाईफेसियल सोलर पैनल क्या होता है ?
सोलर पैनल मुख्य रूप से चार प्रकार की टेक्नोलॉजी में बने होते है |
– पोली क्रिस्टलाइन सोलर पैनल,
– मोनो क्रिस्टलाइन सोलर पैनल,
– हाफ कट सोलर पैनल,
– बाईफेसियल सोलर पैनल |
बाईफेसियल सोलर पैनल होता है द्विमुखी सोलर पैनल | यानि कि यह सोलर पैनल दोनो ओर से बिजली बनाने की क्षमता रखता है |
बाईफेसियल सोलर पैनल कैसे बनता है ?
जैसा कि आपने हमारे पिछले कई आर्टिकल में पढ़ा है कि जो पोली तथा मोनो क्रिस्टलाइन सोलर पैनल वो एक ही तरफ से बिजली बनाते है |
पोली तथा मोनो क्रिस्टलाइन सोलर पैनल ऊपर की तरफ 3.2 mm का टेम्पर्ड ग्लास लगा दिया जाता है तथा नीचे की साइड में सफ़ेद कलर की बेकशीट लगा दी जाती है जिससे वह एक ही साइड से बिजली जनरेट करता है |
इसके विपरीत बाईफेसियल सोलर पैनल में दोनों तरफ ग्लास लगा दिए जाते है | और इसके अन्दर एक स्पेशल सेल का उपयोग किया जाता है जो दोनों तरफ से बिजली बना सकता है | इसमें दोनों तरफ अलग अलग सेल नहीं होते है एक ही स्पेशल सेल लगा होता है जो दोनों तरफ से बिजली बनाता है |
बाईफेसियल सोलर पैनल में सोलर सेल के ऊपर व नीचे टेम्पर्ड ग्लास तथा EVA फिल्म लगी होती है | जो निम्न स्तरों में लगे होते है :-
बाईफेसियल सोलर पैनल कैसे काम करता है ?
बाईफेसियल सोलर पैनल एक उपर की ओर गिरने वाली सूरज की किरणों से तो बिजली बनाता ही है | साथ में इस सोलर पैनल में पारदर्शी स्पेशल सोलर सेल लगे होते है | जिससे सूरज की किरणे इस सेल के आर पार निकल जाती है तथा जब सूरज की किरने पैनल के पीछे की दीवार या ऑब्जेक्ट से परावर्तित होती है तो उनसे भी यह सोलर पैनल बिजली जनरेट करता है |
अब इसमें सवाल यह उठता है कि बाईफेसियल सोलर पैनल दोनों तरफ से बराबर मात्रा में बिजली बनाता है क्या ? नहीं यह सोलर पैनल दोनों तरफ से समान क्वांटिटी में बिजली नहीं बनाता है |
यह सोलर पैनल आगे की तरफ से 90 से 100% बिजली बनाता है तथा पीछे की ओर से यह 25 से 30% तक बिजली बनाता है |
इस सोलर पैनल के पीछे की ओर का बिजली उत्पादन इस बात पर निर्भर करता है कि पीछे की ओर ऑब्जेक्ट क्या है या आपने सोलर पैनल कहाँ लगाया है |
यह ऑब्जेक्ट के हिसाब से निम्नलिखित मात्रा में बिजली बनाता है |
– वाटर एरिया में = 7 % तक
-घास एरिया में = 10 % तक
-कंक्रीट ग्राउंड में = 13 % तक
-रेत पर = 15 % तक
-वाइट कोटिंग ग्राउंड = 20 % तक
इसका अर्थ यह है कि अगर 400 वाट का सोलर पैनल है तो वह 30 % एक्स्ट्रा बिजली जनरेट के हिसाब से 520 वाट तक बिजली बना सकता है |
एक किलोवाट लोड में कितने उपकरण चला सकते है ?
एक किलोवाट लोड में एक फ्रीज, 4 LED बल्ब, एक पंखा, एक कूलर, और एक टीवी आदि शामिल होते है | इन्हें आप एक किलोवाट सोलर पैनल पर चला सकते है |
बैटरी तथा इन्वर्टर
अगर आप मोनो या पोली क्रिस्टलाइन सोलर पैनल लगाते है तो वहाँ पर पर 12V की बैटरी एक बैटरी तथा 12 V के इन्वर्टर से भी काम चल जाता है |
लेकिन अगर आप बाईफेसियल सोलर पैनल लगाते है तो आपको 24V का इन्वर्टर तथा 12 – 12V की दो बैटरी लगानी पड़ती है | क्योंकी बाइफेसियल सोलर पैनल 24V में ही उपलब्ध होते है |
1 किलोवाट सोलर सिस्टम में क्या क्या खरीदना है ?
- BI-Facial Solar Panels = 400 w * 3
- Solar Inverter = 2.5 Kva MPPT
- Solar Battery = 150 AH – 2 ( C10 )
- Accessories (MC 4 Connector, Solar Stand, DC Wires)
इसमें आपको 400 वाट के तीन सोलर पैनल खरीदने है | तथा 2.5 Kva MPPT टेक्नोलॉजी का इन्वर्टर खरीदना है | जो 24V का होगा |
इसमें आप 12V की दो बैटरी लीजिये तथा उन्हें सीरिज में जोड़ दीजिये |
इसके बाद इसकी Accessories में आप को स्ट्रक्चर, तथा नट बोल्ट तथा कुछ MC 4 कनेक्टर खरीदने है |
बाई फेसियल सोलर पैनल की कीमत
इसकी कीमत हम आपको मार्केट रिसर्च के हिसाब से बता रहे है |
बाईफेसियल सोलर पैनल की कीमत 28 रुपये से 30 रुपये प्रति वाट के हिसाब से इसकी कीमत हमे बाज़ार में मिल जाती है | यह एक एवरेज कीमत है इससे कम या ज्यादा भी हो सकती है |
इसके हिसाब से 1 किलोवाट सोलर सिस्टम की कीमत होगी :-
– 3 बाई फेसियल सोलर पैनल = 400 * 3 = 35000 रूपये
– इन्वर्टर MPPT टेक्नोलॉजी = 15000 रुपये
– 2 बैटरी 150 Ah C10 = 30,000 रुपये
– Accessories + सोलर stand = 10,000 रुपये
कुल कीमत = 90,000 रुपये |
इसकी जगह 1 किलोवाट पोली या मोनो क्रिस्टलाइन सोलर पैनल का खर्च 70 से 75 हज़ार तक आता है |
जबकी बाईफेसियल सोलर पैनल में यह खर्च 90 हज़ार से एक लाख रूपए तक इसलिए जाता है क्योंकी यहाँ पर हमने इन्वर्टर 2.5 किलोवाट का लिया है |
2.5 किलोवाट का इन्वर्टर लेने का कारण यह है कि अगर भविष्य में आपके घर का लोड एक किलोवाट से ज्यादा हो जाता है यानि कि एक फ्रीज और बढ़ जाता या एक कुलर और बढ़ जाता है | तो आपके घर का लोड 1.5 से 2 किलोवाट तक हो जाता है |
तो आपको बार बार इन्वर्टर बदलना न पड़े इसलिए हम यहाँ पर 2.5 Kva का इन्वर्टर लेते है |
इस 2.5 Kva के सोलर इन्वर्टर पर आप 2 किलोवाट के सोलर पैनल भी लगा सकते है | तथा बैटरी भी बढ़ा सकते है |
तो आज के आर्टिकल में इतना ही, अगर आपको हमारी दी गई जानकारी पसंद आई है इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करे ताकि और भी लोगो को इसके बारे में जानकारी मिल सके | धन्यवाद |
Tech Mewadi
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